अंक-१
पंक्तियों पर आधारित प्रश्नोत्तर
परंतु दूसरे ही क्षण विजय की खुशी में उभरी उसकी खुशी की
भावना भी आँखों से ओझल न हो सकी। तभी नीलिमा गुनगुनाने लगी,
(i)
‘उसकी’ शब्द का
प्रयोग किसके लिए किया गया है ? यहाँ किस विजय की बात की जा रही है ?
उत्तर - ‘उसकी’ शब्द का प्रयोग मीनू के लिए किया गया है। मीनू एम.ए. की परीक्षा में प्रथम
श्रेणी से उत्तीर्ण हुई है, यहाँ उसी विजय की बात की जा रही है।
(ii)
मीनू की उदासी का क्या कारण था ? समझाकर लिखिए।
उत्तर –मीनू के छोटे कद और साँवले रंग
की वजह से कई लड़केवालों ने शादी
से इनकार कर दिया था। मीनू उन्हीं स्मृतियों में खोकर उदास हो गई।
(iii)
नीलिमा कौन थी ? वह क्या गुनगुना रही थी और क्यों ?
उत्तर – नीलिमा मीरापुर की रहने वाली
नवयुवती थी। वह मीनू की सहेली थी। मीनू के हृदय का दुख परीक्षाफल देखकर खुशी में
बदल गया। वह नीलिमा से लिपटकर झूम उठी और प्रसन्नचित्त भागी-भागी अपने घर चली गई।
उसके जाने के बाद नीलिमा की आँखों में हीनभावना से ग्रसित मीनू का उदास चेहरा
घूमता रहा और इसके सात ही दूसरे क्षण मिली खुशी की भावना भी उसकी आँखों से ओझल न
हो सकी। इसी भावना में नीलिमा मन ही मन गुनगुनाने लगी – ‘’ कभी सुख है, कब दुख है। अभी क्या
था, अभी क्या है।‘’
(iv)
रंग-रूप ईश्वर का दिया हुआ होता है पर गुण व्यक्ति स्वयं
अर्जित करता है – गुणों के महत्त्व को समझाते हुए लगभग पचास शब्दों में अपने भाव
अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर – यह कहा जाता है कि किसी भी
व्यक्ति का रंग-रूप ईश्वर का दिया होता है किन्तु व्यक्ति अपने गुणों को स्वयं
अर्जित करता है। व्यक्ति अपने अच्छे गुणों के कारण ही घर, परिवार, समाज और पूरी
दुनिया में सम्मान प्राप्त करता है। व्यक्ति में सच्चाई, ईमानदारी, न्यायप्रियता,
धार्मिकता और उच्च-चरित्र आदि ऐसे गुण हैं जिसके कारण वह अपने
जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
अंक-२
पंक्तियों पर आधारित
प्रश्नोत्तर
जब लड़का लड़की को देखने आए तो यह समय
एक परीक्षा का समय होता है। लड़की के हृदय में एक अन्तर्द्वंद्व होता है कि वह इस परीक्षा
में पास हो सकेगी या नहीं। मीनू इस परीक्षा में कई बार असफल हो चुकी थी।
(i)
मीनू कौन थी ? उसे आज कौन-सी परीक्षा देनी थी ?
उत्तर – मीनू मीरापुर निवासी दयाराम की
बड़ी पुत्री थी। जब लड़केवाले लड़की को देखने आते हैं तो यह समय किसी भी लड़की के लिए
परीक्षा का समय होता है। आज मीनू को देखने मायाराम का पुत्र अमित आने वाला था। मीनू के लिए यह
परीक्षा की घड़ी थी।
(ii)
मीनू की बहन का क्या नाम था ? दोनों के रूप तथा स्वभाव में
क्या अंतर था ?
उत्तर - मीनू की बहन का नाम आशा था। आशा देखने में मीनू
से अधिक खूबसूरत थी। मीनू शांत, पढ़ी-लिखी, समझदार लड़की है वहीं आशा अल्हड़, हँसमुख,
बचकानी हरकतें करने वाली, वाचाल तथा नादान है।
(iii)
आगन्तुक कौन था? मीनू से उसने कौन-कौन से प्रश्न पूछे? उसने
उनके क्या-क्या उत्तर
दिए ?
उत्तर – आगन्तुक मेरठ निवासी मायाराम का
बड़ा पुत्र अमित था। वह मीनू को देखने सपरिवार उसके घर आया हुआ था। अमित ने मीनू से
पहला प्रश्न पूछा कि क्या उसका एम.ए का रिजल्ट आ गया है? इस प्रश्न का उत्तर मीनू
ने सहज भाव से दिया कि वह प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो गई है। अमित ने दूसरे
प्रश्न में मीनू की रुचि जाननी चाही? मीनू ने बड़ी विनम्रता से बतलाया कि सिलाई,
बुनाई, कढ़ाई, खाना बनाना अर चित्रकरी (पेंटिंग) में उसकी रुचि है। अमित का अंतिम
प्रश्न था कि तुम संयुक्त परिवार में मेरे माता-पिता और बहन के साथ रहना पसंद
करोगी? मीनू ने जी कहकर अपनी गर्दन झुका ली।
(iv)
मीनू के उत्तरों का आगन्तुक पर क्या प्रभाव पड़ा ? मीनू के किस उत्तर ने आगन्तुक को सबसे ज़्यादा
प्रभावित किया ?
उत्तर – मीनू के उत्तरों से अमित का मन प्रसन्नता
से भर गया। उसके हृदय में उसका भोला चेहरा समा गया। जब मीनू ने अमित के माता-पिता और
बहन के साथ संयुक्त परिवार में एकसाथ रहने के लिए हामी भरी तब अमित मीनू से सबसे ज़्यादा
प्रभावित हुआ। उसके मन में मीनू के लिए प्रेम का भाव भर गया।
अंक-३
पंक्तियों पर आधारित
प्रश्नोत्तर
मायाराम जी दहेज विरोधी थे। उन्होंने
धनीमल जी से कहा, ‘’इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। हम अभी एक लड़की देखकर आए हैं।
पसंद भी आ गई है सबको।‘’
वे नहीं चाहते थे कि एक बड़े घर की लड़की लेकर वे अपने
बेटे को बेच डालें। उसके पाँव में वे बेड़ियाँ नहीं डालना चाहते थे।
(i)
मायाराम जी ने धनीमल से क्या कहा और क्यों ?
उत्तर – मायाराम जी ने धनीमल से
कहा कि दहेज जरूरी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि जो लड़की उन्होंने देखी है, वह
उनके घरवालों को पसंद है।
मायाराम जी ने ऐसा इसलिए कहा
क्योंकि वे दहेज नहीं बल्कि गुणों को महत्त्व देते हैं। उन्हें लगा था कि अधिक
दहेज लेकर विवाह करवाना बेटे को बेचने जैसा ही होगा।
(ii)
‘हम भी लड़की देखकर आए हैं।’ यह लड़की कौन है और उसकी क्या विशेषता है ?
उत्तर – उपर्युक्त अंश के अनुसार
यह लड़की मीरापुर निवासी दयाराम की बड़ी बेटी मीनू है। मीनू देखने में सामान्य लड़की
है। रंग साँवला है लेकिन नाक-नक्श सुंदर हैं।
वह आत्मविश्वास से भरी सुशील, संस्कारी और पढ़ी-लिखी युवती है।
(iii)
‘पाँवों में बेड़ियाँ डालना’ मुहावरे का आशय स्पष्ट करते हुए यह
बताइए कि बड़े घर की लड़की कौन है ? उससे विवाह न करने का क्या कारण है ?
उत्तर - ‘पाँवों में बेड़ियाँ डालना’ का आशय
है किसी की स्वतंत्रता नष्ट करना। उपन्यास के आधार पर धन के लोभ में फँसकर अपने
बेटे अमित की इच्छा के विपरीत उसकी शादी दूसरी लड़की से करना।
बड़े घर की लड़की धनीमल की पुत्री
सरिता को कहा गया है। धनीमल अधिक दहेज देना चाहते थे। दूसरी तरफ मायाराम जी दहेज
को महत्त्व नहीं देते हैं। धनीमल के रिश्ते को मायाराम जी इसलिए स्वीकार नहीं करना
चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता है कि दहेज लेकर बेटे का विवाह करना, बेटे को बेचने के समान है।
(iv)
मायाराम का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर – मायाराम जी मेरठ के निवासी
हैं और अमित एवं मधु के पिता हैं। वे अस्थिर विचारों वाले व्यक्ति हैं। उनमें मानवता
के गुण हैं। वे दूसरों के साथ सहानुभूति रखते हैं। उदाहरण के लिए वे मीनू और अमित की
शादी मान लेते हैं। उनमें सबसे बड़ी कमी यह है कि अपनी पत्नी की गलत बातों को स्वीकार
कर लेते हैं। वे दहेज को महत्त्व नहीं देते हैं।
अंक -५
पंक्तियों पर आधारित प्रश्नोत्तर
बेटी, एक देदीप्यमान नक्षत्र बनकर
तुम जग को प्रकाशमान कर दो। जीवन की सारी खुशियाँ तुम्हारे पास हों, तुम अपने
उद्देश्य प्राप्ति में सफल हो, यही ईश्वर से मेरी प्रार्थना है।
(i) मीनू घर छोडकर कहाँ जा रही है ? उसकी आँखों में आँसू क्यों छलछला पड़े ?
उत्तर – मीनू घर छोड़कर वकालत की पढ़ाई
करने मेरठ के होस्टल में जा रही है। मीनू की आँखों में आँसू छलछला पड़े क्योंकि वह
पहली बार घर छोड़कर अपनी माँ और भाई-बहन से अलग हो रही थी।
(ii) क्या शुरुआती दिनों में मीनू का मन होस्टल में लगा ? होस्टल में उसकी सबसे पहली सहेली कौन थी ?
उत्तर – शुरुआती दिनों में मीनू का मन
होस्टल में बिल्कुल नहीं लगा । होस्टल में मीनू की सबसे पहली सहेली माया थी।
(iii) होस्टल में वह अपना अधिकतर समय किस बिताती थी ?
उत्तर – होस्टल के शुरुआती दिनों में मीनू का मन बिल्कुल नहीं गलता था। यहाँ उसे सब नया और अजीब सा प्रतीत होता था । उसकी अधिक सहेलियाँ भी नहीं बन पायी थीं इसलिए वह अपना अधिकतर समय पुस्तकें पढ़ने में व्यतीत करती थी।
(iv) मीनू के पिता उससे मिलने के लिए कितने दिन बाद मेरठ पहुँच गए ? वे वहाँ कितनी देर रुके ? पिता से मिलकर मीनू को कैस महसूस हुआ ? समझाकर लिखिए ।
उत्तर – मीनू के पिता उससे मिलने दोदिन
के बाद ही मीरापुर से मेरठ पहुँच गए। दयाराम जी मीनू के होस्टल में लगभग एक घंटा
रुके। पिता से मिलकर मीनू को ऐसा लगा कि मानो उनसे बिछुड़े बहुत लंबा समय हो गया
है। पिता के चले जाने के बाद मीनू अपने घर की स्मृतियों में खो गई।